एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था ।
कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था ।
वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था ।
मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी ।
वह भी डूबेगा और दूसरों को भी ले डूबेगा ।
परन्तु कुत्ता अपने स्वभाव के कारण उछल-कूद में लगा था ।
ऐसी स्थिति देखकर बादशाह भी गुस्से में था पर, कुत्ते को सुधारने का कोई उपाय उन्हें समझ में नहीं आ रहा था ।
नाव में बैठे दार्शनिक से रहा नहीं गया ।
वह बादशाह के पास गया और बोला – “सरकार ! अगर आप इजाजत दें तो मैं इस कुत्ते को भीगी बिल्ली बना सकता हूँ ।”
बादशाह ने तत्काल अनुमति दे दी ।
दार्शनिक ने दो यात्रियों का सहारा लिया और उस कुत्ते को नाव से उठाकर नदी में फेंक दिया ।
कुत्ता तैरता हुआ नाव के खूंटे को पकड़ने लगा ।उसको अब अपनी जान के लाले पड़ रहे थे । कुछ देर बाद दार्शनिक ने उसे खींचकर नाव में चढ़ा लिया ।
वह कुत्ता चुपके से जाकर एक कोने में बैठ गया ।नाव के यात्रियों के साथ बादशाह को भी उस कुत्ते के बदले व्यवहार पर बड़ा आश्चर्य हुआ ।
बादशाह ने दार्शनिक से पूछा – “यह पहले तो उछल-कूद और हरकतें कर रहा था, अब देखो कैसे यह पालतू बकरी की तरह बैठा है ?”
दार्शनिक बोला –
“खुद तकलीफ का स्वाद चखे बिना किसी को दूसरे की विपत्ति का अहसास नहीं होता है ।
इस कुत्ते को जब मैंने पानी में फेंक दिया तो इसे पानी की ताकत और नाव की उपयोगिता समझ में आ गयी ।”
‘भारत’ में रहकर
‘भारत’ को गाली देने वाले
कुत्तों के लिए समर्पित !
एक महिला के बेटे की शादी हुई. शादी के कुछ महीनों बाद एक दिन पड़ोसन ने उस महिला से पूछा – “कैसी है तुम्हारी बहू ?”महिला बोली – “बहुत ही बुरी रोज़ देर से सोकर उठती है और मेरा बेटा उसके लिए चाय बनाता है घर का कोई काम नहीं करती और जब देखो मेरे बेटे से बाहर खाना खाने के लिए कहती रहती है ! मैं तो कहती हूँ ऐसी बहू किसी को ना मिले !”कुछ समय बाद उस महिला की बेटी की भी शादी हो गई. अबकी बार पड़ोसन ने पूछा – “कैसा है तुम्हारा दामाद ?”महिला चहक कर बोली – “दामाद जी तो बहुत ही अच्छे हैं! मेरी बेटी तो मानो राज कर रही है राज! रोज सुबह अपने हाथों से चाय बनाकर मेरी बेटी को देते हैं और घर का कोई काम नहीं करने देते जब भी मेरी बेटी का जी चाहे तब बाहर खाना खिलाने और घुमाने ले जाते हैं भगवान करे ऐसा दामाद सबको मिले!
अपना गाँव, वाह क्या बात है।एक अमीर आदमी अपने बेटे को लेकर गाँव गया, ये दिखाने कि what is गरीबी गाँव की गरीबी दिखाने के बाद बेटे से पूछा”देखा गरीबी? “बेटे ने जवाब दिया : हमारे
पास 1 dog उनके पास 10- 10 गाये है
हमारे पास नहाने का छोटा सा जगह है उनके पास तालाब है हमारे पास small piece of जमींन उनके पास बडे बडे खेत हम खाना डिब्बे का बासी खाते है वो उगा कर और ताजा तोडकर खाते है, उनके पास अपने सच्चे मित्र है बस कंप्यूटर ही हमारा मित्र है हमारे पास खुशियाँ खरीदने को पैसा है उनके पास खुशियाँ है पैसे की जरुरत ही नही उनके पापा के पास बेटे के लिऐ समय है पापा आपके पास समय नही है।पापा एकदम चुप
बेटे ने कहाँ ”Thanks पापा for showing me कि हम कितने गरीब है! गांव को पसंद करने वाले आगे फारवर्ड करे।
हम भारतीयों की बराबरी क्या करेगी दुनिया डालर के भाव के बराबर के
“”प्याज””का तो हम तड़का लगाते हैं
जिन्दगी A B C D है –
A – ऐतबार, B – भरोसा, C – चाहत, D – दोस्ती, E – इनायत, F – फैसला, G – गम, H – हिम्मत, I – इंतज़ार, J – जरुरत, K – ख्याल, L – लम्हें, M – मोहब्बत, N – नाराज़गी, O – उम्मीद, P – प्यार, Q – किस्मत, R – रिश्ते, S – समझौता, T – तमन्ना, U – उदासियां, V – विरासत, W – वादा, X – क्सचेंज, Y – यादे, इन सब फीलिंग्स से मिलकर बनती है Z – जिन्दगी
एक गाँव में 10, साल का लड़का अपनी माँ के साथ रहता था।
माँ ने सोचा कल मेरा बेटा मेले में जाएगा,
उसके पास10 रुपए तो हो, ये सोचकर माँ ने खेतो में काम करके शाम तक पैसे ले
आई। बेटा स्कूल से आकर बोला खाना खाकर जल्दी सो जाता हूँ, कल मेले में जाना है। सुबह माँ से बोला – मैं नहाने जाता हूँ,नाश्ता तैयार रखना, माँ ने रोटी बनाई, दूध अभी चूल्हे पर था! माँ ने देखा बरतन पकडने के लिए कुछ नहीं है, उसने गर्म पतीला हाथ से उठा लिया, माँ का हाथ जल गया।
बेटे ने गर्दन झुकाकर दूध रोटी खाई और मेले में चला गया।शाम को घर आया,तो माँ ने पूछा – मेले में क्या देखा,10 रुपए का कुछ खाया कि नहीं!बेटा बोला – माँ आँखें बंद कर,तेरे लिए कुछ लाया हूँ।
माँ ने आँखें बंद की,तो बेटे ने उसके हाथ में गर्म बरतन उठाने के लिए लाई सांडसी रख दी।अब माँ तेरे हाथ नहीं जलेंगे।
माँ की आँखों से आँसू बहने लगे।
PAPA Poochte HaiN Ki “Kitna Kamaya ?
Wife Poochegi, Kitna Bachaya?
Beta Poochega Kya Laaya? Maa Hi Poochegi: “Beta Kuch Khaya?
आँखे बन्द करके जो प्रेम करे वो प्रेमिका’ है।
आँखे खोल के जो प्रेम करे वो ‘दोस्त’ है।
आँखे दिखाके जो प्रेम करे वो ‘पत्नी’ है।
अपनी आँखे बंद होने तक जो प्रेम करे वो “माँ” है।परन्तु आँखों में प्रेम न जताते हुये भी जो प्रेम करे वो “पिता” है।
(मम्मी और पापा ) का पैग़ाम।
1. जिस दिन तुम हमें बूढ़ा देखो तब सब्र करना और हमें समझने की कोशिश करना।
2. जब हम कोई बात भूल जाएं तो हम पर गु़स्सा मत करना और अपना बचपन याद करना।
3. जब हम बूढ़े होकर चल ना पायें तो हमारा सहारा बनना और अपना पहला क़दम याद करना।
4. जब हम बीमार हो जाएं, तो वो दिन याद करके हम पर अपने पैसे खर्च करना, जब हम तुम्हारी ख्वाहिशों को पूरी करने के लिये अपनी ख्वाहिशें क़ुरबान करते थे। हमें अपने से अलग करने से पहले याद करना वो दिन जब हमारे से बाहर होने पर तुम्हारे आँख के आँसू नहीं रुकते थे!
पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जा रही थी और पति बार बार उसको अपनी हद में रहने की कह रहा था लेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही ले रही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रही थी कि “उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारेऔर मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आया अंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।बात जब पति की बर्दाश्त के बाहर हो गई तो उसने पत्नी के गाल पर एक जोरदार तमाचा देमारा अभी तीन महीने पहले ही तो शादी हुई थी! पत्नी से तमाचा सहन नही हुआ वह घर छोड़कर जाने लगी और जाते जाते पति से एक सवाल पूछा कि तुमको अपनी मां पर इतना विश्वास क्यूं है? तब पति ने जो जवाब दिया उस जवाब को सुनकर दरवाजे के पीछे खड़ी मां ने सुना तो उसका मन भर आया पति ने पत्नी को बताया कि “जब वह छोटा था तब उसके पिताजी गुजर गए! मां मोहल्ले के घरों मे झाडू पोछा लगाकर जो कमा पाती थी उससे एक वक्त का खाना आता था मां एक थाली में मुझे परोसा देती थी और खाली डिब्बे को ढककर रख देती थी और कहती थी मेरी रोटियां इस डिब्बे में है बेटा तू खा ले मैं भी हमेशा आधी रोटी खाकर कह देता था कि मां मेरा पेट भर गया है मुझे और नही खाना है मां ने मुझे मेरी झूठी आधी रोटी खाकर मुझे पाला पोसा और बड़ा किया है आज मैं दो रोटी कमाने लायक हो हूं लेकिन यह कैसे भूल सकता हूं कि मां ने उम्र के उस पड़ाव पर अपनी इच्छाओं को मारा है, वह मां आज उम्र के इस पड़ाव पर किसी अंगूठी की भूखी होगी यह मैं सोच भी नही सकता तुम तो तीन महीने से मेरे साथ हो मैंने तो मां की तपस्या को पिछले पच्चीस वर्षों से देखा है! यह सुनकर मां की आंखों से आंसू छलक उठे वह समझ नही पा रही थी कि बेटा उसकी आधी रोटी का कर्ज चुका रहा है या वह बेटे की आधी रोटी का कर्ज!
एक बार एक शहरी परिवार मेले मेँ घुमने गया, मेले मेँ 1 घंटे तक घुमे, कि अचानक उनका बेटा मेले मेँ खो गया, दोनो पति-पत्नी उसे मेले मेँ बहुत ढ़ुढ़ते है, लेकिन लङका नही मिलतA लङके कि माँ जोर-जोर से रोने लगती है, बाद मेँ पुलिस को सुचना देतेहै, आधे घण्टे बाद लङका मिल जाता है, लङके के मिलते ही उसका पति गाँव का टिकिट लेकर आता है और वो सब बस मेँ बेठ कर गाँव रवाना हो जाते है, तभी पत्नी ने पुछा: हम गाँव क्यो जा रहे हैं? अपने घर नही जाना है क्य? तभी उसका पति बोला: “तु तेरी औलाद के बिना आधा घण्टा नही रह सकती, तो मेरी माँ गाँव मेँ पिछले 10 साल से मेरे बिना कैसे जी रही होगी? माँ-बाप का दिल दु:खाकर आजतक कोई सुखी नही हुआ! कदर करनी है, तो जीतेजी करो, जनाजा उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं।
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