आलाप : ऐ रे पगली तुम मोरा दोगी का
छोड़ा मन केर तोंय जान लेबे का
री0 चुंगचुंगी खोपा बनाय निकालेले गोरी
कपड़ा पिंधले रे मकड़ा केर जाली
मोरय देबे का छोड़ा मन के
जान लेबे का बुढ़ा मन के
ऐसन पिंधय पिंधाबे तोंय पगलवाय के
जान लेबे का छोड़ा मन के
मोरय देबे का बुढ़ा मन के
ऐसन पिंधय पिंधाबे तोंय पगलवाय के।
1.
ई छोड़ी केर देखा बड़ी घमण्ड है
हड़िया बेचेला फिर भी
बड़ी चढ़ल भाव है
मोरय देबे का छोड़ा….
2.
दिल देवोना तोके ऐतई कमाय के
उड़ीना तोंय तो बड़ी गझाय के
मोरय देबे का छोड़ा….
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