थोड़ी थोड़ी है सब की सुनी
थोडा कुछ तो सब ने कहा
थोडा थोडा समझा भी मगर
दिल ये माने कहा
बस इसकी ज़िद है दिल बे फिकर लापता
कैसी ये धुन है खोकर भी कुछ ना मिला
इस दिल की आदत यही है
गिरकर सम्भलता नही है
जालिम समझता नही है ये कोई ज़ुबान
ये दिल बेपरवाह
कतरा कतरा हो गया दिल ये बिखरता गया
दुनिया गुजरती रही टुकड़ो पे चलती रही
बस इसकी ज़िद है दिल बे फिकर लापता
कैसी ये धुन है खोकर भी कुछ ना मिला
इस दिल की आदत यही है
गिरकर सम्भलता नही है
जालिम समझता नही है ये कोई ज़ुबान
ये दिल बेपरवाह
इस दिल की आदत यही है
गिरकर सम्भलता नही है
जालिम समझता नही है ये कोई ज़ुबान
ये दिल बेपरवाह ये दिल बेपरवाह
ये दिल बेपरवाह ये दिल बेपरवाह
No comments:
Post a Comment