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LIFE FACTS

दुनिया के सबसे बड़े 7 डाक्टर !
सुरज की किरणें, रोजाना रात 6/8 घंटे निंद, शुध्द शाकाहारी भोजन, हर रोज व्यायाम.खुद पर विश्वास, पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन, अच्छे दोस्त!

एक आदमी जंगल से गुजर रहा था , उसे चार स्त्रियां मिली! उसने पहली से पूछा – बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ? उसने कहा ” बुद्धि ” तुम कहां रहती हो ? मनुष्य के दिमाग में! दूसरी स्त्री से पूछा – बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
” लज्जा ” तुम कहां रहती हो ? आंख में!
तीसरी से पूछा – *तुम्हारा क्या नाम हैं ?” हिम्मत “कहां रहती हो ? दिल में ! चौथी से पूछा तुम्हारा नाम क्या हैं ? ” तंदुरूस्ती “कहां रहती हो ? पेट में ! वह आदमी अब थोडा आगे बढा , तों फिर उसे चार पुरूष मिले! उसने पहले पुरूष से पूछा – तुम्हारा नाम क्या हैं ?” क्रोध “कहां रहतें हो ? दिमाग में ! दिमाग में तो बुद्धि रहती हैं तुम कैसे रहते हो ? जब मैं वहां रहता हुं , तो बुद्धि वहां से विदा हो जाती हैं !.दूसरे पुरूष से पूछा – तुम्हारा नाम क्या हैं ? उसने कहां – ” लोभ “कहां रहते हो ? आंख में !
आंख में तो लज्जा रहती हैं , तुम कैसे रहते हो ? जब मैं आता हूं , तो लज्जा वहां से प्रस्थान कर जाती हैं ! तीसरें से पूछा – तुम्हारा नाम क्या हैं ? जबाब मिला *” भय “कहां रहते हो ?दिल में !
दिल में तो हिम्मत रहती हैं , तुम कैसे रहते हो ?
जब मैं आता हूं , तो हिम्मत वहां से नौ दो ग्यारह हो जाती हैं ! चौथे से पूछा , *तुम्हारा नाम क्या हैं ?उसने कहा – ” रोग “कहां रहतें हो ? पेट में ! पेट में तो तंदरूस्ती रहती हैं ? जब मैं आता हूं , तो तंदरूस्ती वहां से रवाना हो जाती हैं !जीवन की हर विपरीत परिस्थिथि में , यदि हम उपरोक्त वर्णित बातो को याद रखे , तो कई चीजे टाली जा सकती है !
जरा मुस्कुरा के देखे , दुनिया हसती नजर आएगी !सुबह सैर कर के तो देखे , सेहत ठीक हो जाएगी !व्यसन छोड के तो देखे , इज्जत बन जाएगी !खर्च घटा कर के तो देखे , अच्छी नीँद आएगी ! मेहनत कर के तो देखे , पैसे की तंगी चली जाएगी ! संसार की अच्छाई तो देखे , बुराई भाग जाएगी !
ईश्वर का ध्यान कर के तो देखे , उलझने दुर हो जाएगी ! माता – पिता की बात मान कर , तुम देखे , जिन्दगी संवर जाएगी ! यदि खुबसूरत लगा हो , तो अपने अन्य मित्रों को भी भेजे .

आज एक नई सीख़ मिली जब अँगूर खरीदने बाजार गया।पूछा “क्या भाव है? बोला : “80 रूपये किलो ।” पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पडे थे ।मैंने पूछा: “क्या भाव है” इनका ?” वो बोला : “30 रूपये किलो” मैंने पूछा : “इतना कम दाम क्यों..? वो बोला : “साहब, हैं तो ये भी बहुत बढीया! लेकिन अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।”मैं समझ गया कि संगठन समाज और परिवार से अलग होने पर हमारी कीमत आधे से भी कम रह जाती है।

कृपया अपने परिवार एवम् मित्रो से हमेशा जुड़े रहे।मैं खुश हूँ कि कोई मेरी बात तो करता है बुरा कहता है तो क्या हुआ वो याद तो करता है कौन कहता हैं की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही बस एक चोट की दरकार हैं
अगर ऊँगली पे लगी तो सिग्नेचर बदल जाएगा
और दिल पे लगी तो नेचर बदल जाएगा
जिन्दगी को आसान नहीं बस खुद को मजबूत बनाना पड़ता है,
सही समय कभी नही आता बस समय को सही बनाना पड़ता है!     
       
सोच और समझ में अंतर –    
एक डॉ.चाहता है कि हर आदमी बीमार हो, वकील चाहता है कि हर आदमी झगड़ालू हो, पुलिस चाहती है कि हर आदमी जुल्मी हो, ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी मजदूर हो, दारू का ठेकेदार चाहता है कि हर आदमी शराबी हो, बैंक चाहता है कि हर आदमी कर्जदार हो, नेता चाहता है कि हर आदमी भोला-भाला और अनपढ़ हो, पुजारी चाहता है कि हर आदमी अन्धविश्वास में डूबा रहे, तांत्रिक चाहता है कि हर आदमी भूत-प्रेतों से डरता रहे.! लेकिन एक शिक्षक ही है, जो हमेशा चाहता है, कि हर स्त्री-पुरुष पढ़ा लिखा हो, और जीवन में सफलता प्राप्त करके आगे बढ़े। जिससे वह स्वयं का, अपने परिवार का, मानव समाज का और देश का विकास करे।               
‘P’ शब्द इन्सान को बहुत प्रिय है :-
 हम जिंदगी भर P के पीछे भागते रहते है । जो मिलता है वह भी P और जो नहीं मिलता वह भी P ।पति, पत्नि, पुत्र, पुत्री, परिवार, पैसा, पद, प्रतिष्ठा, प्रशंसा, पेन,पेपर, प्लेन, पोलो, पार्टti पढ़ाई, परीक्षा, पत्र, पानी, पब्लिसिटी, प्यार, परी, प्रेम, परीक्शा ये सब P के पीछ पड़ते-पड़ते हम पाप करते है यह भी P है ।  फिर हमारा P से पतन होता है और अंत मे बचता है सिर्फ, P से पछतावा। पाप के P के पीछे पड़ने से अच्छा है  परमात्मा के P के पीछे पड़े।और P से कुछ पुण्य कमाये! P से प्रणाम!

जन्म : दूसरो ने दिया, नाम : दूसरो ने रखा, शिक्षा : दूसरो ने दी, रोजगार : दूसरो ने दिया, और शमशान : दूसरे ले जायेंगे तो व्यर्थ मे घमंड किस बात पर करते है लोग!

 मंदिर के बाहर लिखा हुआ एक खुबसुरत सच अगर उपवास करके भगवान खुश होते, तो इस दुनिया में बहुत दिनो तक खाली पेट रहनेवाला भिखारी सबसे सुखी इन्सान होता उपवास अन का नही विचारों का करे!
इंसान खुद की नजर में सही होना चाहिए, दुनियातो भगवान से भी दुखी है चिड़िया जब जीवित रहती है तब वो चिंटी को खाती है चिड़िया जब मर जाती है तब चींटिया उसको खा जाती है। इसलिए इस बातका ध्यान रखोकी समय और स्तिथि कभी भी बदल सकते है इसलिए कभी किसी का अपमान मत करो कभी किसी को कम मत आंको। 
तुम शक्तिशाली हो सकते हो पर समय तुमसे भी शक्तिशाली है।एक पेड़ से लाखो माचिस की 
तीलिया बनाई जा सकती है पर एक माचिस की तिल्ली से लाखो पेड़ भी जल सकते है।कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया।रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली। दी ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया। दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया ।दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया।मत करना कभी भी ग़ुरूर अपने आप पर ‘ऐ इंसान’भगवान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिट्टी से बना के, 
मिट्टी में मिला दिए।इंसान दुनिया में तीन चीज़ो के लिए मेहनत करता है
मेरा नाम ऊँचा हो, मेरा लिबास अच्छा हो, मेरा मकान खूबसूरत हो! लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीज़े सबसे पहले बदल देता है! नाम (स्वर्गीय ), लिबास (कफन ), मकान ( श्मशान )!
जीवन की कड़वी सच्चाई, जिसे हम समझना नहीं चाहते! एक पथ्थर सिर्फएक बार मंदिर जाता है और भगवान बन जाता है इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर भी पथ्थर ही रहते है एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये अपनी सुन्दरता त्याग देती है और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी माँ को त्याग देता है
जीवन में हर जगह हम “जीत” चाहते हैं सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है जहाँ हम कहते हैं कि “हार” चाहिए।क्योंकि हम भगवान से “जीत” नहीं सकते।

हम और हमारे ईश्वर, दोनों एक जैसे हैं।जो रोज़ भूल जाते हैं वो हमारी गलतियों को हम उसकी मेहरबानियों को।
वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ पर 
अपनों का पता चलता है,
वक़्त के साथ वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ, पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं
वक़्त के साथ ज़िन्दगी पल-पल ढलती है,
जैसे रेत मुट्ठी से फिसलत है शिकवे कितने भी हो हर पल, फिर भी हँसते रहना क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है, बस एक ही बार मिलती है।

जमीन अच्छी हो खाद अच्छा हो परंतु ‘पानी’ अगर ‘खारा’ हो तो फूल खिलते नहीं। भाव अच्छे हो कर्म भी अच्छे हो मगर ‘वाणी’ खराब हो तो ‘सम्बkuch karab hai!

पहले लोग घर के दरवाजे पर एक आदमी तैनात करते थे ताकि कोई कुत्ता घर में न घुस जाये। आजकल घर के दरवाजे पर कुत्ता तैनात करते हैं ताकि कोई आदमी घर में न घुस जाए।
पहले आदमी खाना घर में खाता था और लैट्रीन घर के बाहर करने जाता था। अब खाना बाहर खाता है और लैट्रीन घर में करता है।
पहले शादियों में घर की औरतें खाना बनाती थीं और नाचने वाली बाहर से आती थीं। अब खाना बनाने वाले बाहर से आते हैं और घर की औरतें नाचती हैं।
पहले आदमी साइकिल चलाता था और गरीब समझा जाता था। अब आदमी कार से ज़िम जाता है साइकिल चलाने के लिए।
        
वाह रे मानव तेरा स्वभाव लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है पर बेजुबान जीव को मार के खाता है। 
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है!

 विचित्र दुनिया का कठोर सत्य
बारात मे दुल्हे सबसे पीछे और दुनिया आगे चलती है, मय्यत मे जनाजा आगेऔर दुनिया पीछे चलती है!
यानि दुनिया खुशी मे आगे और दुख मे पीछे हो जाती है! अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल
मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना!

लाइन छोटी है,पर मतलब बहुत बड़ा है 
उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे!
पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है और बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं!
एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो चापलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है!
अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है!
इसीलिये दारू बेचने वाला कहीं नही जाता ,
पर दूध बेचने वाले को घर-घर
गली -गली , कोने- कोने जाना पड़ता है ।
दूध वाले से बार -बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला ?
पर दारू मे खुद हाथो से पानी मिला-मिला कर पीते है ।
इंसान की समझ सिर्फ इतनी हैं
कि उसे “जानवर” कहो तो
नाराज हो जाता हैं और
“शेर” कहो तो खुश हो जाता हैं!

DOST” और “LOVE” में बहुत बडा “फर्क” है.
“LOVE” केहता है: अगर “तुम्हें” कुछ हो गया  तो में जी नही पाउन्गा जब की “DOST” केहता है :”पागल” मेरे होते “तुम्हें ” कुछ नही हो सकता!

सीर्फ अपने  *”खाश दोस्तो”* को भेजो..
.
मेरे लीए तो *”आप खाश”* हो..

अगर *”मैं आपके  लिए खाश”* हु तो मुझे भी भेजना..

अगर आप को *5-REPLY* आए तो
*”YOU” are so “LUCKY”*.

रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई!
जो  विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती 
जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है  इसकी आदत बना लो.
 लोग तुम्हारे स्वाभिमान की  परवाह नहीं करते इसलिए पहले खुद को  साबित करके दिखाओ.
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद  5 आंकड़े वाली  पगार  की मत सोचो, एक रात में कोई  वाइस प्रेसिडेंट नहीं बनता. इसके लिए अपार मेहनत पड़ती है.
अभी आपको अपने शिक्षक सख्त और डरावने लगते होंगे  क्योंकि अभी तक आपके जीवन में  बॉस नामक प्राणी से पाला नहीं पड़ा.
तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है तुम्हारी पराजय सिर्फ तुम्हारी है किसी को दोष मत दो इस गलती से सीखो और आगे बढ़ो!
तुम्हारे माता पिता तुम्हारे जन्म से पहले इतने निरस और ऊबाऊ नही थे जितना तुम्हें अभी लग रहा है तुम्हारे पालन पोषण करने में उन्होंने इतना कष्ट उठाया कि उनका स्वभाव बदल गया!
सांत्वना पुरस्कार सिर्फ स्कूल में  देखने मिलता है. कुछ स्कूलों में तो  पास होने तक  परीक्षा दी जा सकती है लेकिन बाहर की दुनिया के नियम अलग हैं वहां हारने वाले को मौका नहीं मिलता!
जीवन के स्कूल में कक्षाएं और वर्ग नहीं होते और वहां महीने भर की छुट्टी नहीं मिलती. आपको सिखाने के लिए कोई समय नहीं देता. यह सब आपको खुद करना होता है!
tv का जीवन सही नहीं होता और जीवन tv के सीरियल नहीं होते. सही जीवन में आराम नहीं होता सिर्फ काम और सिर्फ काम होता है!
लगातार पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने मित्रों को कभी मत चिढ़ाओ. एक समय ऐसा आएगा कि तुम्हें उसके नीचे काम करना पड़ेगा!

एक सत्य…
क्या आपने कभी ये विचार किया कि..
लग्जरी क्लास कार (Jaguar, Hummer, BMW, Audi, Ferrari Etc.) का किसी TV चैनल पर कभी कोई विज्ञापन क्यों नही दिखाया जाता ?
कारण यह कि उन कार कंपनी वालों को ये पता है कि ऐसी कार लेने वाले व्यक्ति के पास TV के सामने बैठने का फालतू समय नहीं होता
हो सके तो बच्चों से ये बातें जरूर शेयर करें।
तीन चीजों में मन लगाने से उन्नति होती है –
ईश्वर, परिश्रम और विद्या।
तीन चीजों को कभी छोटी ना समझे – 
बिमारी, कर्जा और शत्रु।
तीनों चीजों को हमेशा वश में रखो – 
मन, काम और लोभ।
तीन चीज़ें निकलने पर वापिस नहीं आती – 
तीर कमान से, बात जुबान से और प्राण शरीर से।
तीन चीज़ें कमज़ोर बना देती है – 
बदचलनी, क्रोध और लालच।
तीन चीज़ें कोई चुरा नहीं सकता – 
अकल, चरित्र और हुनर।
तीन व्यक्ति वक़्त पर पहचाने जाते हैं – 
स्त्री, भाई और दोस्त।
तीनों व्यक्ति का सम्मान करो –
माता, पिता और गुरु।
तीनों व्यक्ति पर सदा दया करो –
बालक, भूखे और पागल।
तीन चीज़े कभी नहीं भूलनी चाहिए –
कर्ज़, मर्ज़ और फर्ज़।
तीन बातें कभी मत भूलें –
उपकार, उपदेश और उदारता।
तीन चीज़े याद रखना ज़रुरी हैं –
सच्चाई, कर्तव्य और मृत्यु।
तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं – 
चोरी, निंदा और झूठ।
तीन चीज़ें हमेशा दिल में रखनी चाहिए –
नम्रता, दया और माफ़ी।
तीन चीज़ों पर कब्ज़ा करो –
ज़बान, आदत और गुस्सा।
तीन चीज़ों से दूर भागो 
आलस्य, खुशामद और बकवास।
तीन चीज़ों के लिए मर मिटो 
धेर्य, देश और मित्र।
तीन चीज़ें इंसान की अपनी होती हैं –
रूप, भाग्य और स्वभाव।
तीन चीजों पर अभिमान मत करो 
धन, ताकत और सुन्दरता।
तीन चीज़ें अगर चली गयी तो कभी वापस नहीं आती 
समय, शब्द और अवसर।
तीन चीज़ें इन्सान कभी नहीं खो सकता 
शान्ति, आशा और ईमानदारी।
तीन चीज़ें जो सबसे अमूल्य है –
प्यार, आत्मविश्वास और सच्चा मित्र।

चील की ऊँची उड़ान देखकर चिड़िया कभी डिप्रेशन में नहीं आती, वो अपने आस्तित्व में मस्त रहती है, मगर इंसान, इंसान की ऊँची उड़ान देखकर बहुत जल्दी चिंता में आ जाते हैं।तुलना से बचें और खुश रहें।ना किसी से ईर्ष्या , ना किसी से कोई होड़ मेरी अपनी हैं मंजिलें , मेरी अपनी दौड़!
          
वसीयत और नसीहत
एक दौलतमंद इंसान ने अपने बेटे को वसीयत देते हुए कहा, “बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैरों में ये फटे हुऐ मोज़े (जुराबें) पहना देना, मेरी यह इक्छा जरूर पूरी करना ।
पिता के मरते ही नहलाने के बाद, बेटे ने पंडितजी से पिता की आखरी इक्छा बताई ।
पंडितजी ने कहा: हमारे धर्म में कुछ भी पहनाने की इज़ाज़त नही है।
पर बेटे की ज़िद थी कि पिता की आखरी इक्छ पूरी हो ।
बहस इतनी बढ़ गई की शहर के पंडितों को जमा किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला ।

इसी माहौल में एक व्यक्ति आया, और आकर बेटे के हाथ में पिता का लिखा हुआ खत दिया, जिस में पिता की नसीहत लिखी थी!
“मेरे प्यारे बेटे” देख रहे हो..? दौलत, बंगला, गाड़ी और बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी, मैं एक फटा हुआ मोजा तक नहीं ले जा सकता।
एक रोज़ तुम्हें भी मृत्यु आएगी, आगाह हो जाओ, तुम्हें भी एक सफ़ेद कपडे में ही जाना पड़ेगा ।
लिहाज़ा कोशिश करना,पैसों के लिए किसी को दुःख मत देना, ग़लत तरीक़े से पैसा ना कमाना, धन को धर्म के कार्य में ही लगाना ।
क्यूँकि अर्थी में सिर्फ तुम्हारे कर्म ही जाएंगे।

इन्सान फिर भी धन की लालसा नहीं छोड़ता, भाई को भाई नहीं समझता, इस धन के कारण भाई ,मां ,बाप सबको भूल जाता है अंधा हो जाता है!

पानी ने दूध से मित्रता की और उसमे समा गया!
जब दूध ने पानी का समर्पण देखा तो उसने कहा-
मित्र तुमने अपने स्वरुप का त्याग कर मेरे  स्वरुप को धारण किया है….

अब मैं भी मित्रता निभाऊंगा और तुम्हे अपने मोल बिकवाऊंगा।
दूध बिकने के बाद 
जब उसे उबाला जाता है तब पानी कहता है..
अब मेरी बारी है मै मित्रता निभाऊंगा 
और तुमसे पहले मै चला जाऊँगा..
दूध से पहले पानी उड़ता जाता है 
जब दूध मित्र को अलग होते देखता है 
तो उफन कर गिरता है और आग को बुझाने लगता है, 
जब पानी की बूंदे उस पर छींट कर उसे अपने मित्र से मिलाया जाता है तब वह फिर शांत हो जाता है।
पर इस अगाध प्रेम में थोड़ी सी खटास-(निम्बू की दो चार बूँद) डाल दी जाए तो दूध और पानी अलग हो जाते हैं..
थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम को भी मिटा सकती है।
रिश्ते में खटास मत आने दो “क्या फर्क पड़ता है, हमारे पास कितने लाख, कितने करोड़, कितने घर, कितनी गाड़ियां हैं,
खाना तो बस दो ही रोटी है।जीना तो बस एक ही ज़िन्दगी है।

फर्क इस बात से पड़ता है, कितने पल हमने ख़ुशी से बिताये, कितने लोग हमारी वजह से खुशी से जीए।
 
मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर, सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी, न तुम राजी, फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी, तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए?फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से अगर किसी दिन एक ने आँखें. तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?

सुनने की आदत डालो क्योंकि
ताने मारने वालों की कमी नहीं हैं।
मुस्कराने की आदत डालो क्योंकि
रुलाने वालों की कमी नहीं हैं
ऊपर उठने की आदत डालो क्योंकि टांग खींचने वालों की कमी नहीं है।
प्रोत्साहित करने की आदत डालो क्योंकि हतोत्साहित करने वालों की कमी नहीं है!
सच्चा व्यक्ति ना तो नास्तिक होता है ना ही आस्तिक होता है।सच्चा व्यक्ति हर समय वास्तविक होता है!

छोटी छोटी बातें दिल में रखने से बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं”कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मत बात तो “उन्हीं की होती है”जिनमें कोई ” बात ” होती है!
“निंदा”* उसी की होती है जो”जिंदा” हैँ मरने के बाद तो सिर्फ “तारीफ” होती है

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तोर पानीया केर गगरिया _ Paaneeya Ker Gagariya Nagpuri Song Lyrics _ : - Lyrics In Hindi - :  आलाप : छलकाथे गगरी भिंजाथे कोमल काया ऐ रे गोरिय...